TOP GUIDELINES OF APSARA SADHNA

Top Guidelines Of apsara sadhna

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भूत कैद करने का सिद्ध मंत्र इस से भूत होगा आपकी मुठी में

भविष्य जानने का शिव मंत्र – भविष्य जानने की सरल विधि bhavishy jaanane ke lie shiv mantra

Occasionally, evil spirits disguise as Apsaras and come before you to help make you feel the Sadhana is completed; one must not leave the Sadhana incomplete pondering the operate is done previously. Hold out until the Sadhana is comprehensive and after that have faith in the Apsara that's beneath you.

मंत्र जप करते समय माला को गोमुखी में रखें।

स्वर्गीय आनंद: अप्सराएं स्वर्गीय लोक में निवास करती हैं और उन्हें नित्य सुख और आनंद का अनुभव होता है। इससे वे अपनी शक्तियों को बढ़ाती हैं।

आकर्षण शक्ति: अप्सराएं अत्यधिक सुंदर होती हैं और उनकी आकर्षण शक्ति अत्यंत प्रभावशाली होती है। वे अपने सौंदर्य और चर्म से लोगों को मोहित कर सकती हैं।

Apsaras are deemed divine beings who reside in the celestial realms, normally depicted as graceful and alluring. The practice is rooted in historical texts and rituals that outline how to attach with these celestial entities.

शत्रु शमन गुरु गरोखनाथ साधना – शत्रु हाथ जोड़कर माफी मांगेगा shatru hath jod kar maafi maangna

आत्म-विकास और स्थिरता: अप्सरा साधना साधक को आत्म-विकास और स्थिरता की ओर ले जाती है। यह साधना उसे आत्मिक शक्ति और शांति का अनुभव कराती है जो कि उसकी जीवन में सुख और समृद्धि लाती है।

रूप और शक्तियां: अप्सराएं अत्यंत सुंदर और मनोहारी होती हैं और उनकी आकर्षण शक्ति अत्यधिक होती है। उन्हें स्वर्गीय नायिकाओं के रूप में प्रस्तुत किया जाता है। परी भी बहुत सुंदर होती हैं, लेकिन उनका रूप पर्याप्त नहीं होता है और उनकी शक्तियां अप्सराओं के मुकाबले कम होती हैं।

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कहा जाता है कि जब तक अप्सराएँ वचन नहीं देती, तब तक उनकी बातों पर विश्वास न करें।

साधना किसी योग्य गुरु के निर्देशन में करना चाहिए।

अप्सरा साधना एक प्राचीन आध्यात्मिक check here प्रक्रिया है जिसमें साधक अप्सरा देवियों के संग एकाग्रता और आध्यात्मिक सिद्धि की प्राप्ति के लिए प्रयत्नशील होता है। इस साधना में साधकों को अप्सरा देवियों के माध्यम से सुंदरता, भोग, विवेक, और आनंद के साथ-साथ आत्मविकास और आध्यात्मिक उत्थान की साधना की जाती है। यह साधना आत्मज्ञान, आत्म-विकास, और आत्म-संयम में सहायक होती है और साधक को आत्मिक शक्तियों का अनुभव कराती है।

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